ये कोई भीख नहीं, दान नहीं!
क्योंकि हम मानते हैं इसमें
सम्मान नहीं; यह कर्तव्य है।
हम सबका सामाजिक फर्ज़ है
क्या हम एक दूसरे के लिए
जिम्मेदार नही? क्या ये..
आपका इंसानी परिवार नहीं!
तो अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में
हिचकिचाएं नहीं, हम निर्भीक हैं
आपके साथ हैं घबराएं नहीं ।
हम आपके दरवाज़े तक लाए हैं
आपका कर्तव्य, आप पहुंचाइए
अपने ज़रूरतमंद दोस्तों तक
कुछ खाद्य पदार्थ, इसमें
आपका कुछ नुकसान नहीं।