ये कोई भीख नहीं, दान नहीं! क्योंकि हम मानते हैं इसमें सम्मान नहीं; यह कर्तव्य है।
Read More →अभी कोई साधु नहीं आएगा आपके द्वारे। क्योंकि उसे हैं आपकी प्राण बचाने तो क्या हुआ जो नहीं उसकी झोली में अन्न के दाने... यह उसकी सेवा है। उसकी सेवा के बदले उसे...
Read More →हम देख रहे हैं आप देख रहे हैं वह मर रहे हैं वो जी रहे हैं। पर क्या वो खा -पी रहे हैं? या खाली पेट भूख को अपनी पकड़ के अपनी ज़ुबान से सी रहे है। हम दुआ में मा...
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