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द्वार से दूर खड़ा है जोगी by Minni Sharma

अभी कोई साधु नहीं आएगा आपके द्वारे।
क्योंकि उसे हैं आपकी प्राण बचाने
तो क्या हुआ जो नहीं
उसकी झोली में अन्न के दाने...
यह उसकी सेवा है। उसकी सेवा के बदले
उसे मेवा तो नहीं ! पर क्या इतना दे सकते हैं,
कि वह इस महामारी में भुखमरी से मरे नहीं ।
यह 'सेवा' हम भारतीयों की 'मौलिक शिक्षा' है ।
यह कोई भिक्षा नहीं कर्तव्य है ।
और डॉन्टलेस इस कर्तव्य को निभाने के लिए सज्य है ।।
डॉन्टलेस कहता है "निर्भीक बनिए और कल के लिए सीख बनिए।"