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भोजनमाला by Minni Sharma

हम देख रहे हैं आप देख रहे हैं
वह मर रहे हैं वो जी रहे हैं।
पर क्या वो खा -पी रहे हैं?
या खाली पेट भूख को अपनी
पकड़ के अपनी ज़ुबान से सी रहे है।
हम दुआ में माला फेर रहे हैं
वह दुआ में माला फेर रहे हैं।
वो घर रहे हैं वो भी बंद रहे हैं
पर क्या वो इस बात पर दंग रहे हैं?
कि किस कदर जीने के लिए
वे भूखे मर रहे हैं ,बीमार ना हो कर भी
ना ही अब ठीक रहे हैं।
हम देख रहे हैं ,आप देख रहे हैं
वह मर रहे हैं ,वो जी रहे हैं
क्या वो खा -पी रहे हैं?
पूछिए यह सवाल खुद से,
जब आप इंटरनेट से नए नए पकवान बनाना सीख रहे हैं
यह तो आप कभी भी कर सकते हैं।
खुशी की बात हम फिर कभी कर सकते हैं
फ़िलहाल क्या आप एक काम करेंगे?
कुछ अच्छा अपने नाम करेंगे?
आइए साथ मिलकर खाते हैं
बराबर बराबर सबके पेट भराते हैं।
हम जानते हैं आप धीरे-धीरे सीख रहे हैं
हम देख रहे हैं आप देख रहे हैैं
हम मदद भेज रहे हैं
आप मदद भेज रहे हैं...?